जलम : 3 फरवरी, 1934
छपी पोथ्यां :
- ‘ओळमो’,
- ‘भीखो ढोली’,
- ‘सांवतो’,
- ‘बाबोसा’,
- ‘प्रणवीर पाबूजी’
- ‘एक गांव री गोमती’
सगळी नाटक पोथ्यां
खास :
- 1957 ई. मांय अनुराग कला केन्द्र, बीकानेर री थरपणा करी
रंगकर्मी रै रूप मांय न्यारी-निरवाळी ठौड़ - अजै तांइं कला केन्द्र दो सौ सं बेसी नाटकां रो देस-परदेस मांय मंचन
- पचास सूं बेसी राजस्थानी कहाण्यां अळगी-अळगी पत्र-पत्रिकावां मांय छपी
पुरस्कार :
- शिवचंद्र भरतिया गद्य पुरस्कार-1994-95 (राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर), नाटक पोथी 'सांवतो' माथै
- देवीलाल सामर पुरस्कार-1995 (राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर), नाटक अनामिका माथै
- विशेष सम्मान-2001-02 (राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर) समूची सेवा सारू
- मान-सनमान, जिला प्रशासन, बीकानेर
- मान-सनमान, रेलवे क्लब, बीकानेर
- मान-सनमान, नगरपरिषद , बीकानेर
ठिकाणो:
1 स 22, पवनपुरी,
बीकानेर
कानाबाती: 0151-2200040
कानाबाती: 0151-2200040
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